लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के राणा सांगा को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के विरोध में मंगलवार को लखनऊ में कई क्षत्रिय संगठनों ने प्रदर्शन किया। करणी सेना, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा समेत 36 क्षत्रिय संगठनों ने 1090 चौराहे पर एकत्र होकर सुमन के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनसे अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की। इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ बेहद आपत्तिजनकर नारेबाजी की गई।
प्रदर्शनकारियों को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक पहुंचने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और अवरोधक भी लगाए गए थे। राणा सांगा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान लिखी तख्तियां थामे प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने के लिए अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की। कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस की बसों पर चढ़ गए और झंडे लेकर जय भवानी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ नारे लगाए।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (युवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवनीश सिंह ने कहा कि सपा के राज्यसभा सदस्य को माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को वाहनों में भर कर इको गार्डन पहुंचा दिया, जबकि अन्य वापस लौट गए। प्रदर्शन के दौरान पूरे लोहिया पथ पर यातायात बाधित होने से जाम लग गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और यातायात सामान्य हो रहा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा था कि अगर उनकी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन को कुछ भी होता है तो इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एक छिपी हुई भूमिगत ताकत को बढ़ावा दे रहे हैं जो लोगों को अपमानित कर रही है और विपक्षी आवाजों को निशाना बना रही है। अखिलेश ने कहा कि जब राज्यसभा से उनका बयान निकाल दिया गया है तो इस तरह के विरोध का अब कोई मतलब नहीं रह जाता है।